माँ नर्मदा हमे पुकार रही है ,,, जागिए अपने स्वार्थो मे डूबे इन्सानो
शूलपाणि झाड़ी से जानेवाले पैदल मार्ग
माँ नर्मदा हमे पुकार रही है ,,, जागिए अपने स्वार्थो मे डूबे इन्सानो
माँ नर्मदा तट निवासरत् सभी भक्तों से निवेदन है कि पर्वों के समय घरो में की जाने वाली सफाई के दोरान जो घरेलू बिस्तर , कपड़े , आदि माँ नर्मदा के घाटो पर धोने जाते है कृप्या वह माँ नर्मदा के जल में न धोकर अपने घरो में ही धोने का प्रयास करे क्योंकि इस समय माँ नर्मदा का जलस्तर रुका हुआ होने से गंदगी अधिक बड़ जाती है चूंकि सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में जल आपूर्ति का मुख्य स्त्रोत माँ नर्मदा ही है ऐसे में हमारे द्वारा कि जाने वाली गंदगी से सम्पूर्ण मानव जाती के स्वास्थ्य पर बुरा असर भी पड़ सकता है । और माँ नर्मदा भारत कि महान नदियों में से एक है इस माँ के जल को स्वच्छ और निर्मल रखने का भी हमारा अधिकार बनता है । अतः इस निवेदन को स्वीकार कर माँ नर्मदा के जल को स्वच्छ और पवित्र रखने में हमारा सहयोग करे ।
👉 माँ नर्मदा स्वच्छता शिक्षण एवं स्वास्थ्य सेवा समिति ( मातृरक्षा सेवा संगठन ) ॐकारेश्वर
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🌹 नर्मदा जी का आशीर्वाद - कुछ पंक्तियां मां नर्मदा जी की - 🌹
🌹 कहानी जो कि नर्मदा की जुबानी कहा है -
🤱मैं तो मां हूं सहे जाऊंगी ! पर दुनिया को कहे जाऊंजी !🤱 मुझे रोक लेना दीवारों से फिर भी कहीं से बहे जाऊंगी !
🤱 मेरे बेटों का हाल देखकर मुझको रोना आता है!😢 उनकी गलतियों के कारण कोई मुझे सताता है ! 🧜 दर्द तो मुझको सहना है क्योंकि मां बेटे का नाता है !
🤱 अच्छा बेटा कौन है मेरा किस को क्या बतलाऊंगी 👩👦👦 जिनको मैंने चलना सिखलाया वह मेरी ही राह बदलते हैं !
👨🎓 मेरे बेटे होकर वो आज मुझी को खलते हैं ! 👨🚒 दुनिया मे जगवाले नजाने कहां कहां से आते हैं
! 👨👧👧 मेरा सब अच्छा हो दुनिया में इसलिए मेरे जल मे डुबकी लगाते हैं !🕺 उपहार में मुझको मेरे बेटा बेटी नजाने क्या क्या दे जाते हैं !
💐 साबुन शैंपू सोडा गाड़ी मल-मूत्र और गंदे कपड़े सब मुझको दे जाते हैं ! 🎣 आस्था के नाम पर नजाने इंसान क्या क्या ढोंग दिखायेगा !
🧘अमृत जैसा मेरा पानी कभी जहर सा बन जायेगा ! 😭 कलयुग मैंय आपके साथ हूं बाद पता नहीं कहां जाऊंगी !
🤱मैं तो मां हूं सजाऊंगी पर दुनिया को कह जाऊंगी ! 🧕मुझे रोक लेना दीवारों से फिरभी कहीं से बह जाऊंगी !
📝mat shri Narmade har...Mangilal Verma
व्हिडिओ
अगर हम अभी हमारी नदियों में आयीं पानी की गंभीर कमी को दूर करने के लिये कार्य नही करते है तो हमारी अगली पीढ़ी को बहुत भारी कीमत चुकानी होगी । जिस प्रकार हमारे पूर्वजों ने हमें स्वच्छ पवित्र नर्मदा जल दिया तो हमारा भी अधिकार बनता है कि हम हमारी आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ पवित्र नर्मदा जल देने का प्रयास करे ।
फोटो - मैल निकालना हो तो घर पर नहाएं, आस्था निभानी हो तो डुबकी लगाएं
माँ नर्मदा सेवा
माँ नर्मदा के निरंतर प्रवाह के साथ प्रवाह मान माँ नर्मदा स्वच्छता अभियान 19 अप्रेल 2018 को ॐकारेश्वर के गौमुख घाट एवं कोटीतीर्थ घाट पर चलाया गया। लगभग 1000 मीटर से भी अधिक चुनरी माँ नर्मदा से निकाली गई । लगभग 8 से 10 क्विंटल कचरा माँ नर्मदा जल से अलग किया ।
साथ ही तीर्थ यात्रियों को माँ नर्मदा के साथ ही अन्य नदियों को भी प्रदुषण से बचाने की एवं प्रदुषण न करने की अपील की एवं जागरूक किया ।
बोलिए मात् श्री नर्मदे हर हर
नर्मदा गौरव श्रीमती भारतीताई ठाकुर संचालित नर्मदालय के नन्हे बच्चों की गुहार,
*मेरी नदी लौटाओ*
( _नर्मदालय, लेपा के बच्चों की तरफ से गुहार_)
कभी यहाँ पर एक नदी थी,
जिसको हम माँ कहते थे।
दीपदान कर, पुष्प चढ़ाकर,
स्तुति में रत रहते थे।
वह अनंत थी, वह निर्मल थी,
सुख-समृद्धि की थाती थी।
युगों-युगों से इस धरती पर,
अविरल बहती जाती थी।
संस्कृति को गोदी में पाले,
वह समाज की धारा थी।
फसलों में हरियाली बनकर,
देती साथ हमारा थी।
इसके तट पर धर्म-कर्म था,
आस्थाओं के मेले थे।
जाने कितने राजवंश,
आये और खाये-खेले थे।
लेकिन हमने क्या कर डाला,
मरणासन्न हो गई माँ।
माँ को भी सांसत में डाला,
सांसत में है खुद की जाँ।
वह अथाह बहती जलराशि,
छवि दिखलाती नई-नई।
कोई मुझे बताए आखिर,
कल-कल धारा कहाँ गई।
सबका साथ, विकास सभी का,
नदियों का ही नारा है।
लेकिन बिना नदी क्या होगा,
किसने भला विचारा है।
नदी अगर गुम होने पाई,
हम भी गुम हो जाएंगे।
स्वास्थ्य नदी का बिगड़ा तो,
हम स्वस्थ कहाँ रह पाएंगे।
हाथ जोड़कर विनती है,
कृपया लौटाओ नदी मेरी।
वरना जल्दी ही आयेगी,
दर्द भरी त्रासदी मेरी।